Thursday, 15 March 2012

आधे से ज्यादा लोगों के पास है मोबाइल फोन


हो सकता है कि देश की जनसंख्या में से लगभग आधे लोगों के पास घर में अपना शौचालय नहीं हो, लेकिन वे मोबाइल फोन के बिना नहीं हैं।


मकान, घरेलू सुविधाओं और सम्पत्ति पर जारी वर्ष 2011 के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार करीब 49.8 प्रतिश घरों के लोग खुले में शौच जाते हैं, लेकिन 63.2 प्रतिशत घरों में टेलीफोन कनेक्शन है जिसमें से 53.2 प्रतिशत के पास मोबाइल है।


इन आंकड़ों में केंद्रीय ग्रामीण मंत्री जयराम रमेश की ओर से हाल में की गई वह तीखी टिप्पणी प्रतिबिंबित हुई, जिन्होंने कहा था कि महिलाएं मोबाइल फोन की मांग करती हैं, लेकिन वे शौचालय की मांग नहीं कर रही हैं।

केन्द्रीय गृह सचिव आरके सिंह की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार भारत के 24.66 करोड़ घरों में से केवल 46.9 प्रतिशत घरों में ही शौचालय सुविधा है, जबकि 49.8 प्रतिशत खुले में शौच जाते हैं तथा 3.2 प्रतिशत लोग सार्वजनिक शौचालय इस्तेमाल करते हैं।
झारखंड इस सूची में शीर्ष पर है, जहां 77 प्रतिशत घरों में कोई शौचालय सुविधा नहीं है, इसके बाद ओड़िशा का स्थान है, जहां 76.6 प्रतिशत और बिहार के 75.8 प्रतिशत घरों में शौचालय नहीं है। टेलीफोन के मामले में लक्षद्वीप सबसे आगे है, जहां 93.6 प्रतिशत घरों में अपना मोबाइल सेट है। इसके बाद केन्द्र शासित प्रदेशों दिल्ली और चंडीगढ़ का नंबर है, जहां क्रमश: 90.8 प्रतिशत और 89.2 प्रतिशत घरों में अपना टेलीफोन सेट है।
महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त सी. चंद्रमौली ने कहा कि खुले में शौच देश के लिए अभी भी बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है क्योंकि कुल जनसंख्या के आधे लोग (49.8 प्रतिशत) ऐसा करते हैं। पारंपरिक कारण और शिक्षा की कमी इसके प्रमुख कारणों में शामिल हैं। इस मोर्चे पर काफी कुछ करने की आवश्यकता है।

62.5 प्रतिशत ग्रामीण जनता अभी भी खाना बनाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल करती है, जबकि 28.6 प्रतिशत घरों में एलपीजी या पीएनजी का इस्तेमाल होता है। 44.8 प्रतिशत लोग परिवहन के लिए साइकिल प्रयोग करते हैं। 21 प्रतिश घरों में दो पहिया वाहन का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि देश की जनसंख्या का 4.7 प्रतिशत के पास ही चार पहिया वाहन है। वहीं इंटरनेट सुविधा के साथ कम्प्यूटर 3.1 प्रतिशत जनसख्या के पास पहुंच चुका है, जबकि 6.3 प्रतिशत लोगों के पास बिना इंटरनेट कनेक्शन के कंप्यूटर या लैपटॉप है।


टेलीविजन अभी भी मनोरंजन का सबसे बड़ा जरिया बना हुआ है क्योंकि 47.2 प्रतिशत घरों में टेलीविजन सेट हैं। केवल 19.9 प्रतिशत लोगों के पास रेडियो या ट्रांजिस्टर हैं। 32 प्रतिशत घरों में पीने के लिए शोधित पानी का इस्तेमाल किया जाता है।

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