नई दिल्ली।। ईपीएफ
की ब्याज दर में कटौती और बजट में सर्विस टैक्स बढ़ने के बाद मिडिल क्लास
के लिए खुशखबरी है। सरकार छोटी बचत योजनाओं जैसे नैशनल सेविंग्स
सर्टिफिकेट (एनएससी) और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट पर मिलने वाले इंटरेस्ट रेट
में बढ़ोतरी करने जा रही है। यह बढ़ोतरी अगले ही महीने यानी 1 अप्रैल से
लागू हो जाएगी।
एनएससी
और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज में सरकार 20 से 50 बेसिस
पॉइंट की बढो़तरी करने जा रही है। 100 बेसिस पॉइंट 1 पर्सेंट के बराबर
होता है। ऐसे में 50 बेसिस पॉइंट का मतलब हुआ आधा पर्सेंट। ईपीएफ रेट में
कटौती और कई दूसरों शुल्कों में बढ़ोतरी के ऐलान के बाद सरकार का यह कदम
राहत की सांस देगा। ब्याज दरों में यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल से लागू होगी और
साथ ही यह बढ़ोतरी केवल उन्हीं निवेशों पर लागू होगी जो कि 1 अप्रैल से किए
जाएंगे। यानी, यदि आप चाहें कि इसी महीने (मार्च) के बचे हुए दिनों में
ये निवेश कर डालेंगे और टैक्स भी सेव कर लेंगे तो यह संभव नहीं होगा।
बेसिस
पॉइंट में बढो़तरी के बाद एनएससी और पीपीएफ पर निवेशकों को सालाना 8.8 से
8.9 पर्सेंट का इंटरेस्ट मिलेगा, जो कि पहले 8.6 पर्सेंट था। ईपीएफ में
बजट से ठीक पहले सवा पर्सेंट की कटौती की गई है यानी जहां पहले सालाना आप
9.5 पर्सेंट ब्याज पाते थे, वहीं अब इस पर आपको 8.25 पर्सेंट ही ब्याज
मिलेगा। ईपीएफ और पीपीएफ में एक बड़ा फर्क यह है कि पीपीएफ ऐच्छिक स्कीम
है, जबकि ईपीएफ नौकरी में रहते हुए आपको कटवाना ही पड़ता है। ऐसे में
पीपीएफ से मिलने वाले ब्याज का लाभ कितना उठा पाएंगे, यह इस बात पर निर्भर
करता है कि आप पीपीएफ में निवेश करते हैं या नहीं, और करते हैं तो
कितना।
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