रोमिंग
शुल्क और सर्कल से बाहर इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल पर शुल्क के झंझट से
मोबाइल ग्राहकों को मुक्ति दिलाने वाली महत्वपूर्ण दूरसंचार नीति को सरकार
ने गुरुवार को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में
हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2012 पर मुहर
लगी।
बैठक
के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने बताया कि कैबिनेट ने एकीकृत
लाइसेंस शुरू करने के प्रस्ताव को भी मंजूर किया। कैबिनेट ने दूरसंचार
विभाग को अधिकृत किया है कि वह संचार एवं आईटी मंत्री की मंजूरी से नई
एकीकृत लाइसेंसिग व्यवस्था को अंतिम रूप दे।
राष्ट्रीय
दूरसंचार नीति के तहत 2017 तक ग्रामीण इलाकों में टेली घनत्व 39 से बढाकर
70 करना और 2020 तक इसेस 100 करने का प्रस्ताव है।
मोबाइल
फोन को सशक्तीकरण का हथियार बनाना, ब्राडबैंड पर डाउनलोड की न्यूनतम दो
एमबीपीएस गति पर उपलब्धता, घरेलू विनिर्माण में भारत को वैश्विक शक्ति
बनाना, नेटवर्क, सेवाओं और उपकरणों का कन्वर्जेन्स, स्पेक्ट्रम का
उदारीकरण, लाइसेंसिंग व्यवस्था का सरलीकरण, एकीकृत लाइसेंसिंग, स्पेक्ट्रम
का लाइसेंस से अलग होना, ऑनलाइन प्रक्रिया, पूर्ण मोबाइल नंबर पोर्टबिलिटी,
मुफ्त रोमिंग, वायस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल जैसे महत्वपूर्ण बिंदु नई नीति
में शामिल हैं।
विस्तृत
दिशानिर्देशों के जरिए नीति का कार्यान्वयन किया जाएगा और यह मौजूदा सेवा
प्रदाताओं को एकीकृत उदार माहौल की नई व्यवस्था को तेजी से अपनाने के लिए
प्रोत्साहित करेगी और सभी को समान प्रतिस्पर्धा का माहौल सुनिश्चित होगा।
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