Sunday 29 April 2012

मोबाइल कॉल दरें 30 फीसदी बढ़ेंगी: ऑपरेटर












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ता ने बेंगलुरु को 47 रनों स
नई दिल्ली।। भारती एयरटेल और वोडाफोन समेत पांच टेलिकॉम ऑपरेटरों ने दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को लेटर लिखकर कहा है कि दूरसंचार नियामक ट्राई के स्पेक्ट्रम पर प्रस्ताव से मोबाइल की दरों में 30 फीसदी तक बढ़ोतरी होगी। हालांकि सरकार ने कहा है कि मोबाइल फोन कॉल की दरों में होने वाले बदलाव का अनुमान लगाना मुश्किल है।
पांचों ऑपरेटरों ने अपने लेटर में कहा है कि स्पेक्ट्रम की ऊंची लागत का मतलब होगा कि ग्राहकों को कहीं ऊंची कॉल दरों का बोझ उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा, 'अनुमान है कि इससे कॉल दरें 25 से 30 फीसदी तक बढ़ जाएंगी।'
लेटर में कहा गया है कि दूरसंचार नियामक ने इस बात की ओर ध्यान नहीं दिया कि बेहद मूल्य संवेदनशील बाजार इस तरह की ऊंची कीमतों को झेल नहीं सकता। भारत में प्रति ग्राहक आमदनी 90 रुपये से भी कम है। देश में फोन घनत्व की स्थिति काफी बुरी है और ग्रामीण तथा दूरदराज के क्षेत्रों में नेटवर्क के लिए भारी निवेश की जरूरत है।
सरकार ने कहा कि इस साल फरवरी में मोबाइल कंपनियों के 122 लाइसेंसों को कैंसल करने के बाद मोबाइल फोन कॉल की दरों में होने वाले बदलावों का अनुमान लगाना मुश्किल है। सरकार ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि चालू शुल्क ढांचे के मुताबिक राष्ट्रीय रोमिंग को छोड़कर मोबाइल सेवाओं की कॉल दरें फार्बेरन्स (जहां ऑपरेटर बाजार शक्तियों के आधार पर शुल्कों को निर्धारित करते हैं) के तहत हैं। राष्ट्रीय रोमिंग के मामले में शुल्क की सीमा को स्पष्ट किया गया है। यह जानकारी संचार और आईटी राज्यमंत्री मिलिंद देवड़ा ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में दी।
उन्होंने कहा कि मोबाइल ऑपरेटरों के पास बाजार की स्थितियों और विभिन्न वाणिज्यिक पहलुओं पर निर्भर करते हुए विभिन्न शुल्कों को पेशकश करने का लचीलापन है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सिस्टेमा श्याम, यूनिनॉर, एटिसालेट डीबी और लूप जैसी कंपनियों के 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे, जो लाइसेंस तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा के द्वारा दिए गए थे।

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